diwali

Why do we celebrate Diwali?

As a general observation, many of you might be thinking that Diwali is celebrated because It was Amawasya of Kartik month when lord Shriram came back to Ayodhya after killing the demon Ravana , then people of Ayodhya welcomed lord Shriram by lighting Diya on that day. But there is one more strong Astrological reason is there to celebrate Diwali . You might have heard that a lot of Tantrik do sadhna and get sidhdis(Power) on this day because all devils spirits like ghost etc are very active and power full on this day. But why this happens on this day of the year?
There are 2 planets who are source of light on our earth, Sun is daytime and Moon in night, Light means blessing of God and Darkness is ruled by evil spirits (Many of you remember “ Andhera Kayam rahe”). So in whole month of Kartik, Sun transits in sign of Libra, that is debilitated (Neecha) sign for Sun and sun is considered weak in this sign. On the day of Amawasya in Karthik month, another source of light , Moon also gets disappeared (No Moon) , that means both planets are in weak conditions on the day of Diwali, so when Light will be weak then darkness will rule and all those evil spirits becomes active and powerful, so this day is considered best of Tantra sadhna etc.

So what we human try to do, we try to support these 2 planets (Sun & Moon) by lightening Diya , means we provide artificial lights so that bad spirits could not damage us on extreme level. There is an astrological reason behind every rituals and festival.

KeyurFD

आखिर क्यों मनाई जाती है दीपावली ?

आप सब के मन में यही उत्तर आ रहा होगा की जब भगवान राम रावण का वध करके वापस अयोध्या आये थे तो उस दिन कार्तिक की अमावस्या थी इसलिए अयोध्या के लोगो ने दीप जला के श्री राम का स्वागत किया था। लेकिन दिवाली की रात में एक और काम होता है ? सारे भूत प्रेत भी जागृत होते हैं और लोग इस दिन साधना करके अपनी भूत विद्या या और भी इस तरह की विद्या भी सिद्ध करते है। ऐसा क्यों ?

दोस्तों आइये दीपावली के ज्योतिषीय कारण को समझते है जिससे आपको इसका पूरा उत्तर मिल जाएगा। दीवाली मनाई जाती है कार्तिक महीने की अमावस्या को , पुरे कार्तिक महीने में ऊर्जा और प्रकाश का ग्रह, सूर्य अपनी नीच राशि यानि तुला राशि में रहते हैं और नीच राशि में होने से सूर्य को कमजोर माना गया है। और जब कार्तिक महीने में अमावस्या आती है तो ऊर्जा और प्रकाश के दूसरे ग्रह यानि चन्द्रमा भी अस्त हो जाते हैं। तो कार्तिक महीने की अमावस्या को प्रकाश और दैवीय शक्ति के प्रतीक सूर्य और चन्द्रमा कमजोर अवस्था में होते है तो दूसरी तरफ अंधकार और तामसिक शक्तियों के ग्रह राहु और केतु शक्तिशाली हो जाते हैं। यही कारन है की प्रकाश और दैवीय शक्ति के प्रतीक सूर्य और चन्द्रमा को मजबूत करने के लिए हम धरती के लोग कृत्रिम प्रकाश देते हैं यानि की दीये जला के अंधकार को दूर भगाते हैं। क्योकि इस समय सूर्य चन्द्र के कमजोर होने से राहु और केतु काफी शक्तिशाली हो जाते हैं इस लिए इस दिन भूत प्रेत यानि की नकारात्मक शक्तिया हावी रहती है और लोग भूत प्रेत से जुडी सिद्धिया आसानी से प्राप्त कर लेते हैं। दोस्तों सारे त्योहारो का अपना एक ज्योतिषीय कारन होता है। जानकारी ज्ञानवर्धक लगी तो जरू शेयर कीजिये लोगो के साथ।

How Astrology can help?